देश के सबसे उत्पादक राज्यों में मौसम साफ होने की से नई फसल की आवक में बंपर बढ़ोतरी देखने को मिल रही है इसी दौरान सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 8 लाख बोरी की हुई है। तेल मिलों की खरीद कमजोर होने से घरेलू बाजार में सरसों के भाव में गिरावट जारी रही। जयपुर में कंडीशन की सरसों के भाव 50 रुपये कमजोर होकर दाम 5,875 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
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विदेशी बाजार में आज खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर मई डिलीवरी के पाम ऑयल वायदा अनुबंध में 0.67 फीसदी की गिरावट आकर भाव 4,139 रिंगिट प्रति टन रह गए। पिछले तीन दिनों में इसके दाम 5.79 फीसदी तेज हुए थे। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड में सोया तेल की कीमतों में 0.49 फीसदी की गिरावट आई। इस बीच, डालियान के सबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध में 0.11 फीसदी की गिरावट देखी गई, जबकि इसके पाम तेल वायदा अनुबंध में 0.07 फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज की गई।
सरसों के प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में मौसम गर्म हो रहा है, जिस कारण सरसों की कटाई एवं थ्रेसिंग में तेजी आई है। इसलिए इन राज्यों की मंडियों में नई सरसों की दैनिक आवक लगातार बढ़ रही है। उधर तेल मिलें इस समय केवल जरूरत के हिसाब से ही सरसों की खरीद कर रही हैं। इसलिए इसकी कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें मंगलवार को 18-18 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1165 रुपये और 1155 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 25 रुपये घटकर 2450 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गई।
दैनिक आवक हुई 8 लाख बोरी
देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक मंगलवार को 8 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में भी इसकी आवक 5.35 लाख बोरियों की हुई थी। कुल आवकों में से प्रमुख उत्पादक राज्य राजस्थान की मंडियों में 2.95 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 1.15 लाख बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 1.25 लाख बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 15 हजार बोरी तथा गुजरात में 1.50 लाख बोरी, तथा अन्य राज्यों की मंडियों में एक लाख बोरियों की आवक हुई हैं।
सरसों का भाव कब बढ़ेगा?
अगर किसान भाइयों हम सरसों में तेजी या मंदी की बात करें तो अभी से सरसों की आवक में बंपर बढ़ोतरी देखी और हमें कल ही 8 लाख की दैनिक आवक हुई है अगर यहां से हम देखें तो अगर 2 या 4 दिनों में हो सकता है की आवक बढ़कर 10 लाख बोरी की हो जाए। अगर ऐसा होता है तो हमें निश्चित तौर पर सरसों में ₹200 तक की गिरावट और देखने को मिल सकती है ।अगर हम बात करें सरसों का भाव कब बढ़ेगा तो किसान साथियों मार्च और अप्रैल पूरा सरसों की आवक का दबाव पूरा रहेगा। यहां पर हमें तेजी कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही। अप्रैल के बाद हमें सरसों में क्या स्थिति रहती है उसके हिसाब से हमें तेजी या मंदी सरकार के रुख पर निर्भर करेगी।
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