तेल मिलों की खरीद कमजोर होने के कारण शनिवार को घरेलू बाजार में सरसों की कीमतों में हल्की गिरावट देखी गई । जयपुर में सरसों कंडीशन की भाव 6000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर रहे। लेकिन ब्रांडेड तेल मिलों ने खरीद कीमतों में 25 से 50 रुपये प्रति क्विंटल की कटौती की। इस दौरान सरसों की दैनिक आवक घटकर 1.50 लाख बोरियों की हुई। महाशिवरात्रि के त्यौहार की वजह से देशभर की अधिकांश मंडियां बंद होने की वजह से सरसों की दैनिक आवकों में कमी आई, साथ ही व्यापार भी सीमित मात्रा में हुआ।
कृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू रबी सीजन में सरसों एवं रेपसीड का उत्पादन बढ़कर 128 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि फसल सीजन 2021-22 में 117.46 लाख टन का उत्पादन हुआ था। इस सीजन में सरसों की बुवाई रिकॉर्ड क्षेत्रफल में हुई है। बुवाई के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक चालू रबी सीजन 2022-23 में 98.02 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुवाई हुई है जो 2021-22 के 91.25 लाख हेक्टेयर की तुलना में 6.77 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। रबी सीजन 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है, जबकि उत्पादक मंडियों में कंडीशन की सरसों 5900 से 6000 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर बिक रही है।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार तेल वर्ष 2022-23 के पहले तीन महीने में वेजिटेबल ऑयल का आयात 30 फीसदी बढ़कर 4773419 टन पर पहुंच गया है। इसमें खाद्य तेलों की भागीदारी 4746290 टन की रही है, जबकि गैर खाद्य तेलों का आयात घटकर 27129 टन रह गया है। एक साल पहले की इसी अवधि में कुल आयात 3671161 टन का हुआ था, तब 3607612 टन खाद्य तेल और 63549 टन गैर खाद्य तेल का आयात हुआ था। सबसे बड़े आयातकों में से एक भारत में खाद्य तेलों का आयात ज्यादा होने का असर भी विश्व बाजार में इसकी कीमतों पर पड़ सकता है।
जयपुर में सरसों तेल कच्ची घानी एवं एक्सपेलर की कीमतें शनिवार को 1-1 रुपये कमजोर होकर भाव क्रमशः 1194 रुपये और 1184 रुपये प्रति 10 किलो रह गई। इस दौरान सरसों खल की कीमतें 2475 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बनी रही। देशभर की मंडियों में सरसों की दैनिक आवक शनिवार को 1.50 लाख बोरियों की हुई, जबकि इसके पिछले कारोबारी दिवस में भी इसकी आवक 4.50 लाख बोरियों की हुई थी।
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सरसों का भाव कब बढ़ेगा?
उत्पादक राज्यों में मौसम साफ है, होली के बाद उत्पादक मंडियों में सरसों की दैनिक आवकों का दबाव बनेगा। ऐसे में आगे मौजूदा भाव में और भी गिरावट आने के आसार हैं। इसलिए घरेलू बाजार में नई सरसों की दैनिक आवक अगले सप्ताह से और बढ़ेगी। हालांकि अधिकांश मिलों में पेराई आरंभ होने के कारण सरसों की मांग भी बढ़ेगी, लेकिन उत्पादन अनुमान ज्यादा है। इसलिए कीमतों पर दबाव रहेगा। व्यापार अपने विवेक से करें