सोयाबीन सप्ताहिक रिपोर्ट: पिछला हफ्ते की शुरूवात सोमवार महाराष्ट्र सोलापुर 5380 रुपये पर खुला था ओर जो शनिवार शाम 5420 रुपये पर बंद हुआ पिछले सप्ताह के दौरान प्लांट वालो की मांग निकल से + 40 रूपये क्विंटल मजबूत दर्ज हुआ, सोयाबीन स्टॉक रिपोर्ट फरवरी महीने में 10 लाख टन सोयाबीन की आवक रिकॉर्ड की गयी।
जनवरी की तुलना में सोयाबीन की क्रशिंग फरवरी में 2 लाख टन बढ़कर 9 लाख टन पंहुचा। मार्च की शुरुआत में 77.98 लाख टन सोयाबीन स्टॉक किसान, स्टॉकिस्ट प्रोसेसर्स के पास उपलब्ध। सीज़न के पहले 5 महीने में सोयाबीन की कुल आवक 71 लाख टन वहीं 52.5 लाख टन सोयाबीन की क्रशिंग हुई।
बीते सप्ताह में सोयाबीन के भाव में सुधार देखने को मिला। आवक घटने और प्लांट/स्टॉकिस्ट की मांग निकलने से सोयाबीन में निचले स्तर से आयी रिकवरी। डीओसी की मजबूत निर्यात मांग को देखते हुए। प्लांटों ने घटे भाव पर अच्छी खरीदारी की। फरवरी महीने में सोयमील निर्यात 109% बढ़कर 2.30 लाख टन पहचा।
अंतराष्ट्रीय बाजार में सोयमील के भाव भारतीय सोयमील से ऊपर चल रहा है। ऐसे में बेहतर क्वालिटी होने की वजह से भारतीय सोयमील की मांग जून तक मजबूत रहेगी। सरसो के भाव में तेजी होने से भी सोयाबीन को मिला सहारा। घटे भाव से एमपी और महाराष्ट्र के प्लांटों ने 100-150 रुपये/क्विंटल भाव बढ़ाये। सोयाबीन के भाव अपने बॉटम लेवल के करीब हैं ऐसे में बड़ी मंदी इस स्तर से नहीं दिखती।
कीर्ति प्लांट के चार्ट के अनुसार 5200 का सपोर्ट है आगे चलके सोयाबीन में 300-400 रुपए की बढ़त देखने को मिल सकती है। ट्रेडर्स घटे भाव पर खरीदारी करें और बढ़त मिलने पर अपने अनुसार मुनफावसूली करें
सोया तेल कमजोर डिमांड और विदेशी बाजारों में गिरावट से सोया तेल में नरमी जारी। बीते सप्ताह सोया तेल के भाव औसतन 2-3 रुपये/किलो टूटे। सप्ताह के अंत में ड्यूटी बढ़ने की अफवाहों के चलते प्लांटों ने सोया तेल के भाव में कुछ बढ़ोतरी की पिछले कई महीनों से बंद बाजार में ऐसी फैलाई जाती हैं लेकिन व्यापारी इसमें फसने से बचें। अमेरिका में जारी संकट से विश्व में आर्थिक मंदी बढ़ने का डर। अगले सप्ताह अमेरिकी फ़ेडरल बैंक की मीटिंग में फिर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है।
कांडला में सनफ्लावर तेल का सीआईएफ भाव अब सोया से निचे फिसल गया है। ऐसे में डिमांड सन फ्लावर में शिफ्ट होने लगी है वहीं सरसो तेल के भाव भी अब सोया के बराबर ही चल रहे हैं। फ़िलहाल सोया तेल में तेजी वाली कोई बात नजर नहीं आ रही है। सरकार यदि आगे चलके इम्पोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी करे तो सेंटीमेंट में कुछ सुधार हो सकता है। लेकिन विश्व में आर्थिक मंदी का डर और आगामी चुनावों को देखते हुए इसको गुंजाइश कम है।
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व्यापार अपने विवेक से करें। किसी भी फसल में तेजी या गिरावट आनी वाली स्थिति पर निर्भर करता है।