नमस्कार किसान भाइयों आज हम जानेंगे बोनसाई की खेती के फायदे , ग्राहक मुंह मांगी कीमत देते हैं छत पर शुरू करें यह बिजनेस
जयपुर. भारत में कुछ सालों से बनवाई प्लांटों की कला तेजी से बढ़ रही है बोनसाई यानी विशाल पेड़ को बोना आकार जिससे बड़े शहरों में प्राकृतिक प्रेमी पसंद करते हैं
सरल शब्दों में हम बात करें तो बोनसाई का मतबल बड़े-बड़े पेड़ आम ,अनार, बरगद, पीपल, इमली आदि जैसे पौधों को छोटे गमले में लगाया जाता है इसलिए इन कला से तैयार पेड़-पौधों कीमत ग्राहक नहीं दुकानदार के मन मुताबिक होती है बड़े क्रेज को देखते हुए इसका बिजनेस तेजी से बढ़ रहा है यह बिजनेस ₹5000 में शुरू कर सकते हैं इसकी खेती आप के आपके खेत बगीचे और घर की छत पर कर सकते हैं बोनसाई बनाना कोई कठिन काम नहीं है
अच्छा मना जाता है बोनसाई प्लांट
बोनसाई प्लांट को लोग लकी प्लांट मानते हैं इसका प्रयोग घर ऑफिस में सजावट के लिए किया जाता है ऐसे में इसकी मांग ज्यादा है इन पौधों कि कीमत ₹ 200 से लेकर ₹ 3000 तक हो सकती है
गमलों का चयन
बोनसाई के लिए आम गमलों का प्रयोग नहीं किया जाता विशेष कर उनकी की गहराई बहुत ज्यादा नहीं होती परंतु वह अंडाकार, गोलाकार,छक आदि किसी भी दिखावट वाले हो सकते हैं
पौधे का चयन
बोनसाई तैयार करने के लिए पौधे का चयन सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि हर पौधे का विकास और दिखावट अलग-अलग होती है इस लिए हर पोंधे को बोनसाई रुप नहीं दिया जा सकता। इसके लिए बरगद,चील,चिलकन, शहतूत, पीपल,आड़ू, अनार आदि के पौधों को प्रयोग किया जाता है
पौधे लगाना
बोनसाई बनाने के लिए गमले मिट्टी नहीं डाली जाती बल्कि गमले में मौजूद छेद को ढकने के ककंड़ पत्थर आदि डाले जाते हैं उसके बाद में गली गोबर की खाद को मिलाकर पौधे में डाली जाती है
बोनसाई तैयार के लिए मिट्टी का चुनाव
बोनसाई के लिए मिट्टी भुरभुरी होनी चाहिए ताकि पानी निकलने में आसानी हो। बर्तन में लाल मिट्टी , केंचुआ खाद रेट और पत्ती की साड़ी खाद को बराबर मात्रा में मिलाकर डालनी चाहिए ताकि पौधे की विकास वर्दी सही तरीके से हो और सर्दी व गर्मी के मौसम के हिसाब से पानी डालना चाहिए।
बोनसाई बनाने की विधि
बोनसाई ट्री आप 2 प्रकार से बना सकते हैं. एक छोटे पौधे से दूसरा बीज के द्वारा, परंतु बीज से बोनसाई बनने में बहुत समय लग सकता है. इसलिए आप छोटे पौधे से ही बोनसाई बनाना चाहिए। आप ऐसे ही ताजा खबर देखें हमारी वेबसाइट पर
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सावधानी से पहले पौधे को मिट्टी से अलग करें और उसकी जड़ों पर लगी मिट्टी को अच्छे तरीके से हटाएं. इसके बाद में तनों और जड़ों की थोड़ी-थोड़ी कटाई करें ताकि वह पौधा बोनसाई गमले में सही से फिट बैठ सकें. इस बात का ध्यान रखें कि पौधे को रखते समय गमले के किनारे से लगभग एक दो इंच की मिट्टी जड़ों से दूर होनी चाहिए
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