इंजीनियर ने नौकरी छोड़कर आज कर रहे हैं मछली पालन में हर वर्ष लाखों में इनकम, जानें farmer Success Story
हमारे देश में गांव देहात में रहने वाले ज्यादातर लोग खेती के कार्य पर निर्भर हैं। या इसके अलावा पशुपालन या अन्य किसी भी व्यवसाय में अपना जीवन यापन करते हैं। बता दें कि हमारे देश में कृषि एक बड़े स्तर पर होती है। लेकिन आज के समय खेती में भी लागत लगातार बढ़ रही है। वहीं पढ़ने वाली लड़की और लड़कियों को नौकरी न मिलने के चलते भी काफी समस्या हो रही है। ऐसे में आज इस बदलते हुए दौर में युवा किसान अपने नए तरीके से (Farmer Success Story) अच्छी इनकम ले रहे हैं।
खेती के अलावा बहुत से लोग हमारे देश में मछली पालन का कार्य करते हैं। और यह बिजनेस के तौर पर आज के समय काफी तेजी के साथ बढ़ रहा है। आज हम आपको ऐसे ही एक किसान के बारे में जानकारी प्रदान कर रहे हैं जो की मछली पालन से अच्छा व्यवसाय कर रहे हैं।
आज हम जिस किसान की बात कर रहे हैं उन्होंने इंजीनियर की नौकरी को छोड़कर मछली पालन के व्यवसाय को अपनाया और आज सालाना इनकम करीब 40 लाख तक है। और उनके द्वारा बीते 5 सालों से यह मछली पालन का काम किया जा रहा है। आईए जानते हैं इस व्यवसाय के बारे में उन किसान की जुबानी आखिर कैसे काम किया और कितनी लाभ मिल रहा है
मछली पालन का कार्य कितने वर्ष से कर रहे हैं
Farmer Success Story: देश के उत्तर प्रदेश राज्य में मछली पालन का कार्य काफी मात्रा में किया जाता है और आज हम आपको बता रहे हैं गाजियाबाद जिले के रहने वाले मोदीनगर तहसील में पतला देहात से रजनीश कुमार जिन्होंने मछली पालन का व्यवसाय कई वर्ष से कर रहे हैं। Farmer Success Story इनके द्वारा किए जा रहा मछली पालन कार्य मुख्यतः यही कारोबार है फिलहाल और इन्होंने बीटेक तक पढ़ने के बाद इस व्यवसाय की ओर कदम रखें और इस कार्य को करते हुए उन्हें 5 वर्ष के करीब हो चुका है। जिसके चलते उन्हें सालाना अच्छी खासी इनकम कमा रहे हैं। (Farmer Success Story)वहीं आसपास के रहने वाले किसान साथियों को भी मछली पालन का व्यवसाय का परीक्षण भी दे रहे हैं।
मछली पालन व्यवसाय में सफल किसान की जुबानी
रजनीश कुमार के द्वारा मछली पालन भारत में सबसे अधिक पहले जाने वाली मछली मगुर कैटफिशों प्रजाति के अलावा कई अन्य मछलियों का पालन भी किया जा रहा है। इन काम को करने के लिए वे तालाब के साथ बायोफ्लॉक तकनीक का भी सहारा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज भी सबसे अच्छा मछली पालन करने का विकल्प तालाब में करना ही माना जाता है यानी पॉन्ड फार्मिंग से।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि जो हम मछली का बीज डाला जाता है। उनकी अच्छी ग्रोथ हो उसके लिए पानी की खुली जगह में होना चाहिए। ताकि उनकी अच्छी ग्रोथ हो। उनके अनुसार मछली पालन का कार्य करने के लिए दोनों ही तरीका अच्छा है। लेकिन जो तरीका तरीके से तालाब में किया जाता है वही अच्छा रहता है।
बायोफ्लोक तकनीक का इस्तेमाल किस लिए करते हैं।
उनके द्वारा मछलियों के अंडे देने के लिए बायोफ्लोक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं इसके द्वारा जैसे ही मछलियों का साइज बड़ा होता है तो तालाब में डाला जाता है और जिससे उनकी अच्छी ग्रोथ मिलती है।
मछली पालन का व्यवसाय कितने एकड़ में करते हैं।
रजनीश कुमार के द्वारा मछली पालन का व्यवसाय 100 एकड़ जमीन में कर रहे हैं जिसमें से 30 से 35 एकड़ में उनके द्वारा नर्सरी मैनेजमेंट का कार्य करते हैं। वही बचे हुए 65 एकड़ में मछली पालन का व्यवसाय किया जा रहा है।
आसपास के किसानों को भी मछली पालन परीक्षण
Rajnish Kumar Farmer Success Story: उन्होंने बताया कि मछली पालन से जुड़ी सभी तरह की जानकारी उनके द्वारा सोशल मीडिया यानी यूट्यूब पर चैनल बनाया हुआ है जिसके द्वारा भी जानकारी देते हैं और अन्य आसपास के किसानों को भी मछली पालन प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है बता दें कि उन्होंने बताया कि उनका एक ब्रांड भी है जिसके नाम से PVR AQUA वे अपने मछलियों का कारोबार करते हैं।
हर वर्ष रजनीश कुमार कितनी कमाई कर लेते हैं
उन्होंने बताया कि मछली पालन का कार्य करने के लिए उन्होंने मार्केट के डिमांड के हिसाब से चुनाव और मार्केट में काफी अच्छी डिमांड है वही सप्लाई डिमांड के तुलना में काफी कम है और उनके द्वारा किए जा रहे हर साल 300 टन का प्रोडक्शन सीधे दिल्ली के होलसेल व्यापारियों को अपनी मछली बेच देते हैं।
इस कार्य में कितना होता है हर वर्ष खर्च
रजनीश कुमार ने मछली पालन के इस व्यवसाय पर लागत के बारे में बताते हुए कहा कि काफी अधिक होती है करीब हर वर्ष उनके इस कारोबार में दो करोड रुपए तक खर्च हो जाता है और वह सालाना 40 लख रुपए तक का इनकम कमा लेते हैं उनके द्वारा केवल मछली पालन का ही कार्य किया जा रहा है और जब भी उन्हें खाली समय मिलता है तो किसानों को मछली पालन के बारे में जानकारी देते हैं।
इंजीनियर की नौकरी को छोड़कर मछली पालन का कार्य क्यों अपनाया
Farmer Success Story: उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय को करने के लिए आराम में ही फार्मिंग की ओर उनका रुचि थी जिसके चलते उन्होंने इंजीनियर की नौकरी को छोड़कर फार्मिंग की ओर बढ़ाने का फैसला लिया और मछली पालन के बारे में उन्होंने सोचा जिससे उन्हें अपनी फसल को रोका जा सकता है। वहीं अन्य व्यवसाय में ऐसा करना मुश्किल रहता है।
उन्होंने आगे बताते हुए कहा कि ऐसे ही डेरी फार्मिंग हो या पोल्ट्री फार्मिंग उसमें आप मछली पालन की तरह फसल को होल्ड करना मुश्किल है और इसे आप फोल्ड करके कभी भी बाजार में सेल कर सकते हैं। मछली पालन व्यवसाय के बारे में उन्होंने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र आईसीएआर के वैज्ञानिकों के द्वारा जानकारी उन्हें प्राप्त होती रहती है लेकिन शुरुआती दोनों में उन्हें इस व्यवसाय के बारे में कुछ खुद को रिसर्च करना पड़ा और व्यवसाय से जुड़े हुए किसानों को भी इसी जानकारी प्राप्त की गई
उन्होंने बताया कि किसान खेती के साथ-साथ भी इस कार्य को कर सकते हैं और इस काम को करने से पहले एक बार जानकारी अवश्य प्राप्त कर लें। ताकि भविष्य में कोई भी नुकसान होने से बचा जा सके। Farmer Success Story
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