गेहूं की कीमतों में एक बार फिर मडिया में आवक घटने से कीमतों में सुधार होने लगा है। केंद्र सरकार के द्वारा चालू सीजन में घरेलू उत्पादन गेहूं का बढ़कर 1127 लाख टन का अनुमान लगाया गया है। लेकिन वास्तविकता से यह काफी दूर है। गेहूं प्रमुख उत्पादक राज्य में मंडियों में गेहूं की आवक कमजोर हुई है। और वही सरकार का गेंहू खरीद का लक्ष्य अभी भी काफी दूर है।
उत्तर प्रदेश गेंहू की खरीद
देश के प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश में गेहूं के हालात सबसे ज्यादा खराब है। वहां पर अभी तक गेहूं की सरकारी खरीद केवल 2 लाख टन की हुई है। और आपूर्ति मंडियों में तेजी से बढ़ती जा रही है। अगर मीडिया खबरों के अनुसार मान भी लिया जाए कि गेंहू नेपाल में तस्करों के द्वारा भेजा जा रहा है। तो यह है 10 से 20 लाख टन की मात्रा से ज्यादा नहीं होगा।
तो क्या अब प्रश्न यह उठता है कि गेहूं उत्पादक छोटे-छोटे किसानों ने भी गेंहू का स्टॉक कर सकता है। कमोवेश यही स्थिति बिहार और राजस्थान की मंडियों में भी हैं ।जहां पर गेहूं कि आवक बिल्कुल घट चुकी है। गुजरात और मध्य प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आपूर्ति अपेक्षाकृत स्थिति बेहतर है । अगर सरकार के द्वारा गेंहू पर बोनस नहीं देती हैं तो खरीद 1265 लाख टन पर अटक जायेगा।
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