बीते 2 से 3 दिनों के दौरान काबुली चना की आवक बढ़ने और स्टॉक का माल बिकवाली में लगातार आने के चलते गिरावट दिखाई दे रही है। बता दें कि इन दिनों विवाह शादियों पर अनुकूल मांग नहीं है, हरी सब्जियों का दबाव चारों और बना हुआ है, इन सब परिस्थितियों को देखते हुए काबुली चने में अभी 10 रुपए प्रति किलो की और गिरावट लग रही है।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक के उत्पादक क्षेत्रों में काबुली चने की चौतरफा बिजाई अधिक हुई थी। तथा अभी तक तैयार फसल बहुत ही बढ़िया दिखाई दे रही है। नया माल अकोला जलगांव लाइन में आने लगा है। वहां पर इसके भाव क्वालिटी अनुसार 94/96 रुपए प्रति किलो चल रहे हैं। यहां भी नए माल के भाव 99/100 रुपए प्रति किलो के बीच बोल रहे हैं।
पूराना महाराष्ट्र का माल 103/104 रुपए बिक रहा है। इसके अलावा इंडियन मैक्सिको एवं अन्य मोटे माल भी मंडियों में आने लगे हैं। मौसम अनुकूल होने से फली में दाने बहुत बढ़िया प्रत्यक्षदर्शी बता रहे हैं। यही कारण है कि स्टॉकिस्ट पहले अपना माल प्रतिस्पर्धात्मक बिकवाली में लगे हुए हैं।
दूसरी ओर एक महीने तक सब्जियों का दबाव पूरी तरह बना रहेगा, साथ ही साथ कई देशों के पड़ते में माल भारतीय बंदरगाहों पर उतरने लगे हैं, जो मंदे भाव में बिक रहे हैं। इधर हरी सब्जियों का दबाव चारों तरफ दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है तथा सरकार भी दलहनों के भाव को नियंत्रित करने के लिए हर तरह से प्रयास में जुटी हुई है।
यही कारण है कि पिछले महीने 108 रुपए का महाराष्ट्र का काबुली चना लुढ़क कर वर्तमान में 102/104 रुपए प्रति किलो रह गया है तथा इन भावों में भी कोई लिवाल खड़ा नहीं हो रहा है। इधर कर्नाटक के माल 105/106 रुपए के बीच क्वालिटी अनुसार बोलने लगे हैं। इंडियन मेक्सिको का व्यापार क्वालिटी अनुसार माल के 134/136 रुपए प्रति किलो के बीच हो रहा है। बाजार में ऊपर में काबुली चना जो 157 रुपए था।
वह आज 150 रुपए आज रह गया। व्यापारियों का मानना है कि काबुली चने का उत्पादन इस बार 30 लाख मैट्रिक टन तक पहुंच सकता है, जो गत वर्ष केवल 16-17 लाख मीट्रिक टन रह गया था। दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी काबली चने के भाव लगातार गिरने लगे हैं, इंदौर भोपाल लाइन में कुछ बड़े निर्यातकों के माल फंसे हुए हैं।
क्योंकि जनवरी शिपमेंट में बाजार मंदा हो जाने से सौदे काफी कैंसिल बताए जा रहे हैं। काबुली चने की घरेलू फसल फरवरी में आ जाएगी तथा पुराना स्टॉक भी माल की कमी के बावजूद भी ऊंचे भाव देखकर कारोबारियों द्वारा रोक लिया गया है, वह भी इन भावों में बेचू आने लगे हैं। अतः जो काबली चना 102/103 रुपए प्रति किलो बिक रहा है, यह इसी महीने के अंत तक 95 रुपए के अन्दर आ सकता है। गौरतलब है कि यही महाराष्ट्र का काबुली चना नीचे में पिछले सीजन पर 72/73 रुपए प्रति किलो से उठना शुरू हुआ था तथा ऊपर में 129 रुपए तक बिक गया था।
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