हमारे देश में हमेशा सही गांव के लोग खेती से जुड़े हुए हैं और अब वह सब्जियों की खेती भी साथ कर रहे हैं जिससे उन्हें अच्छी इनकम हो। मौजूदा समय में हो रही मानसूनी सीजन भारी बारिश से सब्जियों की किल्लत देखने को मिली जिससे सब्जियों के रेट भी काफी बढ़ गए हैं। किसान सब्जियों की खेती से हर रोज उन्हें इनकम भी प्राप्त होती है।
आज हम बात कर रहे हैं राजस्थान प्रदेश के भीलवाड़ा जिले से किसान श्याम लाल माली बिगो दी कस्बे में रहते हैं और वह पारंपरिक खेती के साथ-साथ सब्जियों की खेती भी पिछले काफी समय से कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने बताया कि 2 बीघा में मिर्च और एक बीघा में उन्होंने भिंडी की खेती लगाई जिससे उन्हें कुल 7 लाख रुपए की इनकम हुई।
वही बीगोद कस्बे के पास के ही गांव गोविंदपुरा में भी किसान सब्जी की खेती कर रहे हैं
और वह पहले पारंपरिक खेती करते थे लेकिन पिछले 2 साल में उन्होंने सब्जियों की खेती से हर रोज इनकम होती है। और पारंपरिक खेती से लाभ भी ज्यादा मिल रहा है।
आज हम आपको बता रहे हैं श्याम लाल माली एक प्रगतिशील किसान के द्वारा एक बीघा में भिंडी की फसल लगाई जिसे उन्हें करीब ₹300000 तक की लाभ मिला वहीं उन्होंने बताया कि मिर्च की खेती भी धोबी को हमें की जिससे उन्हें करीब ₹400000 तक का फायदा हुआ है।
सब्जी की खेती में उठाया सब्सिडी का लाभ
उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा आर डब्ल्यू ए सेल आईपी योजना के तहत उन्हें 15% अतिरिक्त सब्सिडी मिलाकर ड्रिप सिंचाई द्वारा सिंचाई संयंत्र और मिनी स्प्रिंकलर पर उन्हें करीब 90% सब्सिडी फसल में पानी देने के लिए मिला।
वहीं उन्होंने बताया कि मल्चिंग शीट एच डी पी वर्मी बेड और लो टनल पर भी 75% सब्सिडी मिला।
इसी तरह उनको 75% तक की सब्सिडी एचडीपी वर्मिबेड, मल्चिंग शीट, लो टनल पर दिया गया. इस सब्सिडी का लाभ वहां के आसपास के 22 गांवों में भी किसान लाभ उठाया है और सब्जी की खेती से अपना जीवन यापन कर रहे हैं।
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