इस साल नरमा कपास मौसम खराब रहने और कीट पतंगों के कारण उत्तर भारत में कपास की आवक कम से कम 10 लाख गांठ कम हुई है। इंडियन कॉटन एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक इस सीजन में 31 जनवरी तक 26.17 लाख गांठ की आवक हुई, जबकि पिछले सीजन की इसी अवधि में 36.84 लाख गांठ की आवक हुई थी। यह इस सीजन में अनुमानित कपास की आवक 40.91 लाख गांठ से भी काफी कम है।
नरमा कपास का उत्पादन
किसानों को नरमा कपास लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे किसान नरमा कपास की फसल की जगह अन्य फसल को लगाना पसंद कर रहे हैं। क्योंकि इस फसल के अंदर गुलाबी सुंडी सफेद मक्खी से काफी नुकसान हुआ है। नरमा कपास की बुवाई 15 अप्रैल से आरंभ होती है। लेकिन सरकार हर साल अप्रैल महीने में नहर की सफाई का कार्य करती है। जिससे समय पर पानी नहीं मिलने से फसल बुवाई में समय लगता है।देश के उत्तरी भाग, जिसमें पंजाब, हरियाणा, गंगानगर और निचले राजस्थान शामिल हैं, में कपास की आवक पिछले सीजन के 31 जनवरी तक के आंकड़ों की तुलना आवक में कम से कम 10 लाख गांठ कम थी। आईसीएएल के अनुसार, 31 जनवरी तक पंजाब में लगभग 1.33 लाख गांठ आ चुकी है।जबकि पिछले सीजन में इसी समय सीमा में 5.55 लाख गांठ थी। इस सीजन में मंडियों में 2.82 लाख गांठ आने की उम्मीद थी। जो पिछले सीजन में आए 7.19 लाख गांठ से काफी कम है।
पंजाब में मौसम के प्रतिकूल मौसम और फसल में बीमारियों कारण कपास की फसल खराब हो गई। हरियाणा में इस सीजन में 12.03 लाख गांठ आने का अनुमान था। जबकि पिछली बार 15.05 लाख गांठ की आवक हुई थी। लेकिन 31 जनवरी तक केवल 5.97 लाख गांठ की उत्तर भारत में हुई है।
जबकि पिछले सत्र की समान अवधि में 10.11 लाख गांठ की आवक हुई थी। राजस्थान में करीब 19.50 लाख गांठ की आवक हुई। जबकि पिछले सीजन की समान अवधि में 22 लाख गांठ की आवक हुई थी। राजस्थान के गंगानगर में 11.20 लाख गांठ की आवक हुई, जबकि पिछले सीजन में 13.10 लाख गांठ की आवक हुई थी। पिछले सीजन में पूरे सीजन में 16.26 लाख गांठ की आवक हुई थी और इस साल 16.63 लाख गांठ आने की उम्मीद है।
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निचले राजस्थान में 31 जनवरी तक 8.29 लाख गांठ की आवक हुई।जबकि पिछली बार इसी अवधि में 8.97 लाख गांठ हुई थी। इस सीजन में 10.41 लाख गांठ की आवक होने की उम्मीद है। जबकि पिछले सीजन में कुल 9.86 लाख गांठ की आवक हुई थी। पिछले सीजन में पूरे उत्तरी क्षेत्र और निचले राजस्थान में 47.24 लाख गांठ की आवक हुई थी।
पंजाब में फाजिल्का, बठिंडा,मानसा,बरनाला, मुक्तसर साहिब, संगरूर, फरीदकोट और मोगा सहित कपास बेल्ट जिलों में कपास उगाई जाती है। कच्चे कपास की रेट 8000 रुपये से 9000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है।जो कि न्यूनतम समर्थन मूल्य 5726 रुपये और मध्यम और लंबे स्टेपल कच्चे कच्चे कपास के लिए 6380 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है। पंजाब में कपास का रकबा कम होता जा रहा है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में फसल पर सफेद मक्खी और गुलाबी बॉलवॉर्म सहित कई तरह की बीमारियां हमला कर रही हैं। सरकार किसानों को बढ़िया क्वालिटी का बीज उपलब्ध करवाना चाहिए। जिससे किसान नरमा कपास की खेती से लाभ मिले।
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