पिछला सप्ताह सुरुवात सोमवार दिल्ली राजस्थान लाइन नया 6325/50 रुपये पर खुला था। और शनिवार शाम चना 6100/25 रुपये पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना दाल बेसन में मांग नही रहने से -225 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज हुआ, चना में लगातार तीसरे सप्ताह कमजोरी का रुख देखने को मिल रहा है।
सप्ताहिक चना तेजी मंदी रिपोर्ट
OTR का सस्ता चना, नाफेड द्वारा कम भाव में बिक्री और चना दाल में सुस्त मांग ने चना में गिरावट में प्रमुख भूमिका निभाया है। इसबीच भारत सरकार ने मटर आयात 31 मार्च 2024 तक पूरी तरह खोलने के निर्णय ने आग में भी का काम किया है। मटर आयात खोलने के समाचार के बाद तो बाजार से खरीददार गायब ही हो गया। अंतराष्ट्रीय बाजार से सस्ते मटर की उपलब्धता बढ़ने की उम्मीद से चना पर काफी दबाव देखा जा रहा है।
कमजोर बुवाई और सिमित स्टॉक के बावजूद चना में सेंटीमेंट ख़राब हुआ है। कृषि विभाग के अनुसार देश में चना बोआई 10% कमजोर है। लेकिन सूत्रों की माने तो चना की बोआई 20- 25% कमजोर रहने का अनुमान है। राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में बोआई काफी कमजोर होने की रिपोर्ट है। चना की बिजाई मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ही थोड़ी बेहतर है।
चना में क्या करें?
नाफेड के पास बेचने योग्य चना कम है लेकिन अब चना में लेवाल काफी कमजोर। मटर आयात यदि 31 मार्च 2024 के बाद आगे बढ़ा तो चना में कमजोरी बढ़ेगी। अब व्यापारियों को नाफेड टेंडर ही नहीं मटर बाजार/आयात पर भी नजर रखनी होगी। व्यापार अपने विवेक से करें
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