जसवंत कहते है कि मैं 3 साल से परेशान था खेती से खर्च भी नहीं निकल पा रहा था और मैं अपनी बचत करने में असमर्थ था इस विधि से खेती करने लगा हूं और बचत भी अच्छी निकल जाती है अब मेरा माल फोन पर बिक जाता है। क्योंकि इसकी क्वालिटी अच्छी होती है और गाड़ी से उतारते ही माल के खरीदार मिल जाते हैं।
मचान विधि से खेती
अब किसान भाई खेती करने में भी वैज्ञानिक तकनीक अपना रहे हैं जिससे किसान ज्यादा पैदावार के साथ अच्छा मुनाफा भी ले रहे हैं। इन दिनों किसानों में मचान विधि, बेल की प्रक्रिया ज्यादा प्रचलित हो रही है किसान मचान विधि से लौकी की खेती करना ज्यादा पसंद करता है। इस विधि से खेती सीजन में दोगुनी पैदा देती है और इसके साथ आफ सीजन में भी अच्छी पैदावार देती है। इस विधि का प्रयोग सबसे ज्यादा राजस्थान के भीलवाड़ा क्षेत्र में किया जाता है। इस मचान विधि के लिए लौकी की नई किस्म भी आई है। इस किस्म का नाम हजार रखा गया है। इस किस्म के पौधे में हजारों लौकी लगती है। यह किस्म खाने में स्वादिष्ट और विटामिन से भरपूर है। इस किस्म की मंडियों में बहुत ज्यादा मार्केट है
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अच्छा उत्पादन मिलता है मचान विधि से
मचान विधि से कि जाने वाली सब्जियो जैसे:-खीरा , लौकी, करेला के लिए अच्छी मानी जाती है। इस विधि के लिए बांस और तार को प्रयोग किया जाता है। इससे मचान तैयार करके बेल को ऊपर चढ़ा देते हैं। इस मचान विधि से फसल में खराबी कम आती है। इस विधि से बारिश आने पर भी सब्जी खराब होने की आशंका कम होती है। इस विधि से खेती में रोग कम आता है। इस अलावा मचान के नीचे धनिया,पालक, मिर्च आदि कि खेती कर सकते हैं। जिससे सब्जी की पैदावार दोगुनी निकलती है। इसकी क्वालिटी भी बेहतरीन होती है। जिससे किसान को मंडी में बेचने में कोई दिक्कत नहीं आती और रेट भी अच्छा मिलता है
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