गेहूं की फसल अब बलिया निकालने आरंभ होगी। ऐसे में किसानों को क्या-क्या करना चाहिए जिससे (Wheat Grain Big Shiny) दाना बड़ा होने के साथ-साथ है अधिक संख्या में हो इसके लिए क्या-क्या उपाय अपनाएं इस रिपोर्ट में आप जानेंगे
गेहूं की फसल बुवाई होने के बाद लगभग 2 महीने के आसपास यानी 55 से 60 दिन के आसपास की फसल हो चुकी है। ऐसे में अब गेहूं के बालिया निकालना आरंभ होगी। ऐसे में गेहूं की फसल में अधिक खुराक की आवश्यकता रहती है। गेहूं के पौधों को समय पर पोषक तत्व देना आवश्यक हो जाता है। अगर किसानों के द्वारा बुवाई करने के बाद गेहूं 55 से 60 दिन के करीब हो चुका है तो ऐसे में गेहूं के अंदर होने वाले फूटाव होना था वह हो चुका है।
गेहूं में बालियां बनते समय यूरिया खाद। Urea fertilizer Wheat Grain Big Shiny
ऐसी अवस्था में गेहूं के पौधे अपने लंबाई की तरफ बढ़ने लगते हैं। ऐसे में अगर यूरिया का इस्तेमाल करेंगे तो गेहूं की हाइट बढ़ने लगती हैं। जानकारी के लिए बता दें कि गेहूं में बालियां बनते समय यूरिया की आवश्यकता नहीं रहती।
गेहूं की फसल में बाली (Wheat Grain Big Shiny) निकलने आरंभ होगी। तो बालियां में बनने वाले दानों का आकार बड़ा हो और अधिक संख्या और चमकदार हो इसके लिए आपको क्या करना चाहिए आप नीचे देखें
गेहूं में दाना बड़ा और अधिक संख्या के लिए क्या करें (Wheat Grain Big Shiny)
बहुत से ऐसे किसान हैं जिन्हें गेहूं में बनने वाले दाने (Wheat Grain Big Shiny) के आकार को बड़ा या चमकदार और अधिक संख्या करने के बारे में पता नहीं है। ऐसे में किसानों को इस बात को अवश्य ध्यान रखना चाहिए नहीं तो उत्पादन में काफी असर देखने को मिलता है। आपको बता दे कि गेहूं की फसल में दाने बनते समय सबसे अधिक आवश्यकता फास्फोरस की रहती है।
और पौधों को इस समय सबसे अधिक खुराक की आवश्यकता भी होती है। बता दें कि पौधों को जो फास्फोरस, पोटाश मिलता है। उसमें बालियां बनने में सहायता मिलती है। ऐसे में किसानों को गेहूं की फसल 55 से 60 दिन हो जाने के बाद अपने गेहूं की फसल में प्रति एकड़ 100 से लेकर 120 ग्राम की मात्रा में बोरोन के साथ एनपीके (NPK) 00:52:34 या फिर इसके अलावा एनपीके (NPK) 12:61:00 का उपयोग प्रति एकड़ अपनी फसल पर स्प्रे के द्वारा छिड़काव करना चाहिए।
Wheat Grain Big Shiny: फसल में इसके छिड़काव करने से के बाद बाली में बनने वाले दोनों की संख्या अधिक होगी और दाना मोटा वजनदार और चमकदार भी होगा। किसानों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए। कि इस समय फसल को नाइट्रोजन की आवश्यकता कम रहती है। लेकिन बालियां निकलते समय सिंचाई करते समय पोटाश का भी अवश्य इस्तेमाल करना चाहिए।
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