खरपतवार नियंत्रण:- गेहूं में खरपतवार के बारे सभी किसान जानते हैं खरपतवारो के कारण फसलों में कीटों का प्रकोप बढ़ता है। इससे फसलों में बाहरी नुकसान उठाना पड़ा है। देश में प्रमुख फसल गेहूं है। गेहूं की फ़सल में खरपतवारो का नियंत्रण करना जरूरी है। क्योंकि खरपतवारो से फसलों के विकास में रुकावट आती है। खरपतवार के कारण फसल कि पैदावार पर काफी प्रभाव पड़ता है। इसलिए खरपतवार का नियंत्रण समय पर करना जरूरी है।
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खरपतवार के कारण पैदावार में 30 से 40 प्रतिशत प्रभाव पड़ता है खेत में फसल बोते समय सिंचाई का खास ध्यान रखना चाहिए और इसके साथ ही अच्छी तरह से निराई करनी चाहिए। आमतौर पर गेहूं की फ़सल में खरपतवार दिखाई देने पर घास को जड़ से उखाड़ फेंकना चाहिए। गेहूं की फ़सल में खरपतवारो के नियंत्रण करने के लिए दवाइयां को प्रयोग भी किया जा सकता है। इससे गेहूं की फ़सल में पैदा में काफी फायदा मिलता है।
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नुकसान करने वाले खरपतवार
आपको बता दें कि यह खरपतवार जो फ़सल के लिए घातक होते हैं गेहूं की फ़सल में जंगली जई ,दूधी घास, बथुआ,सेनजी,मैदा, गुल्ली डंडा,गजरेला, जंगली पालक आदि खरपतवार फ़सल के लिए नुकसानदायक होते हैं
खरपतवार रोकने के उपाय
गेहूं की बुआई करने से पहले जमीन का निराई और गुड़ाई अच्छी तरह से करें ताकि फ़सल बोते समय किसी प्रकार समस्या पैदा ना हो और फ़सल बोने के बाद खेत कि 15 से 20 दिन के अतंराल पर देखभाल करते रहे। गेहूं कि बिजाई करने से पहले बीज का उपचार अच्छी तरह करना चाहिए। अधिक जानकारी हेतु कृषि विभाग से सम्पर्क कर सकते हैं।
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