भारत में धान की खेती काफी बड़ी मात्रा में की जाती है। किसानों को आए दिन धान की फसल में होने वाली बीमारियों और घटते हुए हो जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। जिससे देश में उत्पादन में भी लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि इसी समस्या को देखते हुए भारतीय वैज्ञानिक आए दिन अच्छी अच्छी किस्म और रोग प्रतिरोधी क्षमता वाली किस्में किसानों को उपलब्ध करवाने पर जोर दे रही है। इस रिपोर्ट के द्वारा आज हम आपको बताएंगे इस साल वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई तीन प्रमुख धान की किस्में के बारे में।
धान की विकसित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली के द्वारा तैयार धान की किस्में इस प्रकार है
पूसा द्वारा तैयार की गई टॉप 3 धान वैरायटी
धान की किस्में
1. पूसा बासमती 1847 को पूसा बासमती 1509 में सुधार कर के विकसित की है। इस वैरायटी को पकने में 120 से 125 दिन का समय लगेगा। यह वैरायटी में झुलसा और झोंका रोगरोधी है।
2. पूसा बासमती 1885 को पूसा बासमती 1121 में सुधार कर के विकसित की गई है। इस वैरायटी को पकने में 145 से 150 दिन का समय लगेगा। यह वैरायटी झोंका रोग प्रतिरोधी है।
3. पूसा बासमती 1086 को पूसा बासमती 1401 में सुधार कर के विकसित किया गया है जोकि यह वैरायटी झुलसा और झोंका रोगरोधी होगी और इस वैरायटी में 150 से 155 दिन में पकने में समय लगेगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली के द्वारा इससे पूर्व में विकसित की गई वह प्रचलित धान की किस्में मैं सुधार कर इन नई किस्मों को तैयार किया गया है इनमें रोग प्रतिरोधी क्षमता अधिक है। इन सभी किस्मों का बीज किसानों को किसान मेले में वितरण किया गया था जो कि पिछले साल किसानों द्वारा की गई खेती में अच्छा अनुभव मिला है।
Whatsapp ग्रुप में जुड़ना चाहते हैं तो 👉 यहां पर दबाएं
इसे भी पढ़ें 👉PM Kusum Yojana: किसानों के लिए अच्छी खबर, सरकार सोलर पम्प पर दे रही है 75 % सब्सिडी