रबी फसल सीजन में गेहूं के अलावा सरसों और चना की फसल मुख्यतः बुवाई किया जाता है बता दें कि अब सर्दी लगातार बढ़ रही है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल का अच्छा उत्पादन लेने हेतु पूरी मेहनत भी कर रहे हैं।
लेकिन फिर भी अब बढ़ रही सर्दी से अपनी फसल को बचाने के लिए क्या विशेष ध्यान रखना चाहिए। उसके बारे में आज हम आपको जानकारी देंगे।
किसानों के द्वारा लगभग सभी बुवाई का कार्य पूर्ण हो चुका है और अब फसलों में पहली सिंचाई या तो कर दी गई है या किसानों के द्वारा अभी कुछ दिनों में हो जाएगा। किसान सर्दी के मौसम में भी सिंचाई के अलावा खाद का तो पूरा ध्यान रखते हैं। लेकिन सर्दी के मौसम में फसल को बचाना बहुत ही आवश्यक है। जिससे उत्पादन में काफी गिरावट देखने को मिल सकती है।
इसलिए इस मौसम में पहला गिरने से सरसों और चना की फसल में करीब 80 से 90% तक का नुकसान देखने को मिल सकता है। वहीं गेहूं की फसल में भी 10 से 20% तक उत्पादन में नुकसान हो सकता है। इसलिए किसानों को इस शीतलहर के मौसम में अपनी फसल सुरक्षित रखने के लिए कई कदम उठाया जा सकते हैं।
पाला पड़ने से फसल को क्या नुकसान होता है
सर्दी का मौसम में फसलों पर पहले हमने से फसल में लगने वाले फल फूल नष्ट हो जाते हैं। जिसके चलते फलियां में बनने वाले दोनों का रंग हरा से काला या दागदार हो जाता है। और फसल में पहले हमने की स्थिति में पत्तियां बैक्टीरिया जनित बीमारियों से प्रभावित ज्यादा हो जाती है।
जिस फसल में पाला गिरता है वहां फल फूल जमीन में गिर जाते हैं। और उत्पादन में काफी नुकसान देखने को मिलता है। बीते साल भी राजस्थान प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में पाल जमने की स्थिति में सरसों की फसल व अन्य फसलों में काफी नुकसान देखने को मिला और उत्पादन भी कम हुआ और जो उत्पादन हुआ उसका रेट भी बहुत कम मिलता है।
सर्दी के मौसम में गेहूं की फसल को पाले से कैसे बचाएं
किसान भाइयों को शीतलहर चलने के समय अपनी फसल में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए। जिससे इसका प्रभाव कम होगा। वहीं सुख घास पूछ या उपलों को भी मेड पर जलाकर धुआं करना चाहिए।
इसके अलावा किसान 1000 लीटर पानी में 1 लीटर घुले गंधक के तेजाब को मिलाकर प्रति एकड़ फसल में स्प्रे द्वारा छिड़काव कर सकते हैं और इसका उपयोग करने के बाद 15 दिन बाद भी करें।
सरसों को पाला पड़ने से पहले क्या उपाय करें
सरसों को पाला गिरने से बचने के लिए किसान भाइयों को डाइमिथाइल सल्फो ऑक्साइड का 0.2 प्रतिशत का फसल पर छिड़काव करें या इसके अलावा थायो यूरिया का 0.1 प्रतिशत सरसों की फसल पर स्प्रे कर सकते हैं। इसके अलावा किस जहां पर पानी की सुविधा है वहां पर हल्की सिंचाई करने से भी सरसों की फसल में पाला गिरने की समस्या से राहत मिल सकती है।
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