Mushroom Cultivation: अगर आप भी कोई भी ऐसा काम करना चाहते हैं जहां आपको कम जगह की जरूरत हो और आप गांव में भी इस कार्य को कर सकते हैं तो आपको मशरूम की खेती करने चाहिए आज हम आपको मशरूम की खेती करने वाले जितेंद्र चौरसिया के बारे में बताएंगे।
मध्य प्रदेश के सागर जिले में जितेंद्र चौरसिया के द्वारा अपने घर पर ही काम न आने वाली जगह पर मशरूम की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय से मशरूम की खेती के लिए 1 वर्ष का डिप्लोमा किया। डिप्लोमा करते समय उनके साथ उनके आसपास के दोस्त श्री आशुतोष, श्री कृपाल ठाकुर, श्री राघवेंद्र, और और रविंद्र यादव ने भी यह डिप्लोमा किया।
श्री जितेंद्र चौरसिया के द्वारा पोस्टर मशरूम के 3 किलो सपोर्ट पास के ग्वालियर से लेकर आए और उन्होंने 25 बैग में इन्हें लगाया। उनके द्वारा लगाई गई मशरूम के 30 दिन बाद ही 16 अगस्त को 5 किलो मशरूम प्राप्त हुआ। उनके द्वारा लगाई गई इस मशरूम की फसल में किसी भी रसायन का उपयोग नहीं किया और यह पूरी तरह से जैविक तरीके से मशरूम की फसल ली गई।
मशरूम की खेती के फायदे
सागर जिले के श्री महेंद्र मोहन भट्ट, उप संचालक उद्यान ने जानकारी देते हुए बताया कि पोस्ट मशरूम में सोडियम फाइबर वसा, कार्बोहाइड्रेट, ,बीटा-ग्लूकॉन, प्रोटीन और कैलोरी विटामिन मिलते हैं वही इसके साथ-साथ नियासिन,पैण्टोथेनिक एसिड और राइबोफ्लेविन जैसे भी विटामिन भी पाए जाते हैं। इस मशरूम के खाने से व्यक्ति का कोर्स रोल कम करने में मदद मिलती है वही हाइट की कई बीमारियां दूर करने में भी सहायता मिलती है।
उन्होंने बताया कि इसका सेवन से इम्यून सिस्टम और पाचन तंत्र मजबूत होने के साथ-साथ एलर्जी जैसी समस्याओं में भी काफी कारगर साबित होती है।
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